तेरे इंतजार में बीत गए है, ना जाने ही कितने बसंत। ना तुम आये और ना आई कोई खैर-खबर। तेरे इंतजार में बीत गए है, ना जाने ही कितने बसंत। ना तुम आये और ना आई क...
मैं वापस जमीन पे गिर जाता रेंगता रेंगता तुझे ढूँढता तेरी बिछोह मे आखरी साँसें गिनता मैं वापस जमीन पे गिर जाता रेंगता रेंगता तुझे ढूँढता तेरी बिछोह मे आखरी ...
सावन में इस बार झूमकर बादल जैसे बरसेंगे देर रात तक रात रानी के फूलों जैसे महकेंगे सावन में इस बार झूमकर बादल जैसे बरसेंगे देर रात तक रात रानी के फूलों जैसे महक...
तुमको तो अक्सर ही मुझको तड़पाने की आदत है , कह ना पाऊँ, कहना चाहूँ घबराने की आदत है तुमको तो अक्सर ही मुझको तड़पाने की आदत है , कह ना पाऊँ, कहना चाहूँ घबराने क...
कभी - कभी हमें, उस चीज की आभाश सपनो में ही हो जाता है, जिसके बारे में हम कभी सोचे भी नहीं होते हैं। ... कभी - कभी हमें, उस चीज की आभाश सपनो में ही हो जाता है, जिसके बारे में हम कभी सोच...
स्वागत है, हे वसंत ऋतु, स्नेहशील शब्दों से, अनंत गहराई से जो निकली। स्वागत है, हे वसंत ऋतु, स्नेहशील शब्दों से, अनंत गहराई से जो निकली।